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Laxmi Yadav

Inspirational

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Laxmi Yadav

Inspirational

माँ, मुझे चाँद पर जाना है.........

माँ, मुझे चाँद पर जाना है.........

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माँ, मुझे चाँद छूना है..... 

ना पहनाना वंश - बेल के स्वर्णहार, 

जिसमें इच्छाओं की असंख्य आहुतियाँ, 

ना छेदना मेरे कर्ण जिसमें, 

कर्ण फूल के संग सबकी ना सुनने की मजबूरियाँ, 

मत सजाना मेरे हाथों मे , 

रस्मों वाले कंगन की हथकड़ियां, 

कभी ना बांधना मेरे पैरो में, 

पुराने रीत के पायल की बेड़ियाँ, 


क्योंकि, मुझे चाँद पर जाना है.... 


मत समझाना तुम माँ, 

खेल मुझे तकदीरों का, 

मत बतलाना मेल मुझे, 

मिट्टी और नारी के जीवन का, 

मत सिखलाना रख गिरवी, 

स्वाभिमान मृतक समान जीने का, 

बस, झुठला देना जिद जमाने की, 

डोली से उतर- अर्थी सजकर जाने की, 


क्योंकि, माँ मुझे चाँद से बतियाना है..... 


उन्मुक्त अनिल में आगाज करने पर, 

नील गगन के इंद्रधनुष छूने पर, 

सपनों की सतरंगी दुनिया में जाने पर, 

कम- से- कम माँ तुम तो, 

मेरे पर न कतरना उड़ने पर, 

वंश- बीज के मोह में, 

कम- से- कम माँ तुम तो, 

मुझे गर्भ में ही भेदन मत कर देना, 


क्योंकि, माँ, मुझे चाँद देखना है.... 



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