मां की याद
मां की याद
मां की याद...
खत में लिखू ...
मेरे दिल के हर अल्फाज़,
ओ मां तुम पढ़ लेना मेरे दिल का राज,
घर, शहर और तुम से दूर आज मैं,
ओ मां तुम याद बहुत आती हो,
जब फोन में बात होती है तुमसे,
आंखों से पानी की गंगा बह सी जाती हैं,
मन करता है अभी दौड़ कर आ जाऊं तेरे पास,
तेरी गोद में, तेरी ममता की छांव में सो जाऊं एक बार,
ओ मां कैसे कहूं मैं तुमसे,
जब खाना खाने का वक्त होता है,
तब भूख तो होती है पर खाने का मन नहीं करता,
क्योंकि तुम्हारे हाथ की बनी रोटी का स्वाद याद आता है,
तो नींद नहीं आती मुझको,
आसमाँ में चांद को निहारू जब तुम नज़र आतीं हो,
तुम्हारी लोरी नीदीयां रानी याद बहुत आती हैं,
ओ मां कैसे कहूं मैं तुमसें,
सवेरे जब आंख जल्दी खुल जाती है,
चारों ओर तुम्हारे आवाज की गूंज सुनाई देती हैं.
जब उठकर देखू में तुम कहीं नज़र नहीं आती हो,
ओ मां क्या कहूं मैं तुमसें,
रात को जब सोने जाऊं,
मन उदास सा हो जाता है,
ओ मां तुम बहुत याद आती हो,
ओ मां तुम बहुत याद आती हो।