माँ की उदासी
माँ की उदासी
माँ तुम उदास हो,
माँ तुम रो रही हो,
माँ तुमसे कुछ टूट गया,
माँ तुम्हें चोट लगी है,
जैसे ही तुम्हारी उंगली मुझे छू गई,
सारी उदासी छू हो गई।
कहना तो चाहती थी,
रो रही हूँ, मुझे माँ याद आ रही है,
हाँ मुझसे एक आदमी का अहम टूट गया,
हाँ मेरे मन, आत्मसम्मान को चोट लगी है,
उदास हूँ कि कुछ कर नहीं सकती,
पर तुम्हारे बालमन को समझा नहीं पाती,
एक तुम्हारे होने से उदासी सारी मिट जाती।
