बालपन में खिलौने से खेलने के उम्र में मजबूरी जब कचरे के ढ़ेर पर रोटी तलाशती है तब। .... बालपन में खिलौने से खेलने के उम्र में मजबूरी जब कचरे के ढ़ेर पर रोटी तलाशती है ...
मेरे लंगड़े पैर को निहारते हैं। मेरे लंगड़े पैर को निहारते हैं।
यही है गर्मी की हालत जो दिखाई दे रही है नियमित। यही है गर्मी की हालत जो दिखाई दे रही है नियमित।
मासूम बच्चों को रोते – बिलखते, हँसते- मुस्कराते। मासूम बच्चों को रोते – बिलखते, हँसते- मुस्कराते।
चुन्नु, मुन्नु, पोषण, तोषण, घुमेंगे नभ में सीना तान। चुन्नु, मुन्नु, पोषण, तोषण, घुमेंगे नभ में सीना तान।
एक तुम्हारे होने से उदासी सारी मिट जाती। एक तुम्हारे होने से उदासी सारी मिट जाती।