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तोषण कुमार चुरेन्द्र दिनकर

Children

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तोषण कुमार चुरेन्द्र दिनकर

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हवाई जहाज

हवाई जहाज

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हवाई जहाज बनाऊँगा मैं।

नीले अम्बर में जाऊँगा मैं।

नभ मंडल की सैर करूँगा,

फिर घर वापस आऊँगा मैं।


सूरज चाचा से बातें होंगी।

चंदा मामा संग रातें होंगी।

सभी ग्रहों से दोस्ती करके,

तारों संग मुलाकातें होंगी।


धुएँ कारखानें वहाँ न होगी।

निर्मल शुद्ध हवाएँ होगी।

पान करूँगा हरपल हरदिन, 

रहे हमेशा तन ये निरोगी।


मोटर गाड़ी बहुत है चलते।

कितनें राही जीते मरते।

इन सबसे मिलेगी मुक्ति

सदा रहेंगे लोग ये तकते।


होगी ऊपर मेरी उड़ान।

बनेगा जब मेरा वायुयान।

चुन्नु, मुन्नु, पोषण, तोषण,

घुमेंगे नभ में सीना तान।


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