STORYMIRROR

तोषण कुमार चुरेन्द्र दिनकर

Inspirational

4  

तोषण कुमार चुरेन्द्र दिनकर

Inspirational

पावन धरती

पावन धरती

1 min
24

मेरे भारत की पावन धरती

वीरों ने जहाँ जन्म लिया...

जहाँ गोप बनकर विष्णु ने

गीता गंगा का मर्म दिया...


उत्तर में हिमालय चोटी

है भारत का जो ताज रहा..

करते है जिसकी रक्षा नित

सेनाओं पर है नाज रहा...


हर घर में हो उत्साह नव 

हर दिन होली दीवाली हो

दिल से दिल के तार मिले

और प्यार कहीं ना खाली हो...


सर्दी गर्मी बरसात सहे

ऐसा दिल में उत्साह रहे

नवऊर्जा वीर जवानों की

नवयौवन के रग-रग में बहे...


भारत माता के चरणों में

अपना जो शीष कटाएगा

सच कहता हूँ दुनिया वालों

दुनिया में पूजा जाएगा...


पहने कपड़े खायें रोटी

रहने सबकाे मकान मिले

हर बेटा बेटी शिक्षित हो

गुलशन-गुलशन में गुल खिले...


हिन्दू मुस्लिम और सिख ईसाई

भारत की पहचान बने

अनेकता में रहे एकता 

ऐसा हिन्दुस्तान बने ...



Rate this content
Log in

More hindi poem from तोषण कुमार चुरेन्द्र दिनकर

Similar hindi poem from Inspirational