सोनू
सोनू
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सोनू, सोनू करके माता पुकारे
आ रहा हूँ
आ रहा हूँ
सोनू ये कहे
ठंडे ठंडे पानी में
अपने यारों के संग
नाव चलाये
वह बरसात का खूब आनंद लेता
ना चप्पल पहने ना ही जूते
बस मन्त्रमुक्त होकर कीचड़ पर अपने दोस्तों के संग खेलता
गर गर कर तेज़ से बादल गरजा
सोनू डरा और
चिल्लाया धीरे से
सभी बच्चे पेड़ के नीचे छूप गए
भय से
और बारिश की बूंदों ने सबके मन को मोह लिया।
