STORYMIRROR

Lima Das

Others

4  

Lima Das

Others

सावन

सावन

1 min
328

क्योंकि ये सावन का महीना है

मौसम बड़ा सुहाना है

बादल यूं गरज कर आज

हम पर बरसा है

ना जाने कितने महीनों बाद

सूरज ने नहीं पहचान हमें आज

हमने कितना तरसाया उसे

हरे पत्तों में लिपटी हुई उन बूंदो को आज हमने देखा है

उस लड़की की बारिश में भीगे बाल ने मुझे उसकी और खींचा है

चारो तरफ़ बज रही शहनाइयाँ

ना जाने किसकी धुन सबके कानों तक आ रही है

क्या ये रास्ते पर चलती वाहनों की आवाज़ है

या बरसात की

हम बह रहे हैं इस हवा के संग

उड़ना हमें पसंद है

नन्हीं पक्षियों के संग

श्रावण का झूला झूलेंगे आज

अपने इस मन को बहलाएँगे आज

करेंगे दोस्ती पहाड़ों के संग

जो दूर होकर नीला कपडे़ से लिपटी हुई है

पौधे ने जन्म लिया आज

ना जाने कितने दिनों बाद

गाने लगा है मन मेरा आज

सुरीली सी हो गई है मन तन्न मेरा

नाच उठेंगे आज हम

इस बरसात की महा में

क्योंकि ये सावन का महीना है।


Rate this content
Log in