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Uday Jha

Children Stories

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Uday Jha

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अधूरी पंक्ति को संवार दे

अधूरी पंक्ति को संवार दे

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यार कहीं तुम खो मत जाना,

मेरा हर दुःख तुमने जाना,

कहने को तो दोस्त बहुत है,

तुमसा सच्चा न यार हमारा।


लाखों खुशियां साथ बिताया,

दुखों से तुमने हमको बचाया,

भीड़ में न हमसे हाथ छुड़ाकर,

यार कहीं तुम खो मत जाना।


जीवन में है घन-घोर अंधेरा,

तुमने हर बार किया उजाला,

कांटा निकाला था मेरे पैरों से,

भीड़ न कहीं यार न खो जाना।


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