बचपन
बचपन




मैंने देखा है
रोते – बिलखते,
हंसते - मुस्कराते
बच्चों को
फुटपाथ पर
सिमटे हुए
माँ के आँचल में
सूनी निगाहों से
ताकते हुए
न जाने,
क्या सोचते होगें वो
मैंने सुना है,
बच्चे होते हैं
हमारा भविष्य
सोच लेता हूँ कि
हम भी कभी थे बच्चे
तो क्या यही है
हमारा भविष्य
लगता है डर
न जाए क्या होगा
इन बच्चों की
जो रोते हैं
हर अपनी बेबस
माँ के आँचल में
मैंने देखा है
मासूम बच्चों को
रोते – बिलखते,
हँसते- मुस्कराते।