माँ कभी मरती नहीं है
माँ कभी मरती नहीं है
कौन कहता है
माँ नहीं रही
जब तक रहेगी बेटी
तब तक रहेगी माँ
माँ कभी मरती नहीं है।
हर बेटी के हृदय में
छिपी होती है
जाने अनजाने
चरित्र में आत्मसात होकर
हर काम में प्रकट हो
अपना रूप दिखा जाती है।
घर बुहारती झाड़ू में
चूल्हे की रोटी में
उबलती दाल में
बिस्तर की सिलवटों में
हिसाब के कागज़ में
कहे अनकहे शब्दों में
घरेलू दवाओं में
बच्चों की लोरी में
स्कूल भेजते बच्चों में
गृहस्थी के हर काम में
दिखाई देती है हर पल।
कौन कहता है माँ नहीं रही
माँ कभी मरती नहीं है।