माँ का आँचल
माँ का आँचल
धूप में बादल
माँ तेरी आँचल
रखती मुझे शीतल
ठंड में गर्मी
माँ तेरी आँचल
रखती मुझमें तपिश
बरसात में छाया
माँ तेरी आँचल
रखती मुझे शुष्क
ऐसा क्या है माँ
तेरी आँचल में
जलती पर कुछ न कहती
भीग के मुझको सुखाती
ठंड में अंगार भी बन जाती
प्रेम तुझसा न जग में दुजा
हर किसी ने तुझको पूजा
अल्लाह जीसस बुद्ध भगवान
तेरी ममता का है गुणगान।