माँ बाप
माँ बाप
देर रात तक सिरहाने पर
दुआ मांगती रात रात भर
ढरते कपोल में अनमोल सुधा
फेरते हाथ मेरे सर पर सदा I
एक पवित्र आग में माँ ही जलती है I
जिसकी ममता जीवन भर चलती है I
तुम बेशक राम बन जाओ
दुनिया में रहमान बन जाओ
कठिनाइयों से छलांग निधि का
मिटा दो चाहे कपाल विधि का
बाप का पौरुष तुममें समाया है I
जिसने सपनों से तुमको बनाया है I