लॉकडाउन
लॉकडाउन
एक दिन ऐसा भी आएगा,
जब लॉकडाउन खुल जाएगा !
कई माह बीतेंगे फिर भी,
कंफ्यूजन नहीं जाएगा।
जाने पहचाने चेहरे भी,
मिलने से घबराएंगे।
मास्क रहेगा मुंह पर,
आंखों से बतलाएंगे।
ज्यादातर दिनचर्या सबकी,
डिस्टेंसिंग में ही होगी।
रोजी रोटी रोजगार की,
फिर से चैनल पर चर्चा होगी।
पुश्तैनी कारीगर सारे,
फिर रूटीन में आएंगे।
दुनिया फिर से जाग उठी,
वह ऐसी फीलिंग लाएंगे।
कब तक मास्क लगाना है ,
यह कोई समझ नहीं पाएगा।
टीवी पर अब कोलगेट,
कैसे चमकार दिखाएगा।
बरसों दो गज दूर रहेंगे,
भीड़ नहीं जुट पाएगी।
जब भी कोई खांसेगा,
तब हाय तौबा हो जाएगी।
शिक्षक की शिक्षा की धारा,
ऑनलाइन करवाना है।
भूल ना जाए कोई शिक्षक,
कैसे उसे पढ़ाना है ?
डिस्टेंसिंग का पालन करके,
बच्चों को समझाना है।
रखो पढ़ाई फोन से जारी,
विद्यालय नहीं जाना है।
लॉकडाउन का न्यूट्रल गियर,
जब टॉप गियर में आएगा।
अर्थव्यवस्था का मीटर,
फिर से ऊपर उठ जाएगा।
जहां सुरक्षा खुद की होगी,
वह जीवन जी पाएगा।
लापरवाही करने वाला ,
मुश्किल में पड़ जाएगा।
