लोभ मोह के फेर में
लोभ मोह के फेर में
लोभ मोह के फेर में, हुए बर्बाद लोग।
अपना भी विरही हुआ, अमन का हो वियोग।।
लोभ मोह के फेर में, टूट गया परिवार।
हक्का बक्का मन रहे, ज्ञान हुआ बेकार।।
लोभ मोह के फेर में, मिला पहचान धूर्त।
कुछ दिन तक बढ़िया लगे, उसके बाद अमूर्त ।।
लोभ मोह के फेर में, मिला न कोई घाट।
अदना भी बेजा कहे, गए सब ठाट बाट।।
लोभ मोह के फेर में, मिले नहीं सम्मान।
और हानि ही अब मिले, हुआ बेकार आन।।