"लक्ष्य"
"लक्ष्य"
चल-चल रे, वीर जवान
तू न रुक ,न ठहर,
तेरा है एक लक्ष्य,
चल -चल रे वीर जवान..
तुझको है भेदना ,
अपने लक्ष्य पर ,
तुझने है, ठानी ,
चाहे आए कोई,
भी विपदा, तुझको,
न रुकना है, तुझको न
झुकना है, तेरा है एक लक्ष्य,
चल-चल रे वीर जवान..
उठा धनुष, चढ़ा प्रतंचा पर तीर,
कर दे लक्ष्य के आर-पार,
चल-चल रे वीर जवान..