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V. Aaradhyaa

Classics Inspirational

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V. Aaradhyaa

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लक्ष्मी जी, राखिये हमरो लाज

लक्ष्मी जी, राखिये हमरो लाज

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लक्ष्मी माता के होते हैं कई एक रूप स्वरुप,

हर रूप की महिमा श्रद्धा होती विशेष स्वरुप !


आदि लक्ष्मी अर्पित करें, प्रथम दीप का दान,

ह्रदय बुद्धि शीतल करें व बढ़ाएँ सबका मान !


धन लक्ष्मी को दीजिये, आप दूजा दीपक दान,

भौतिक सुख सम्पन्नता,मिले मान व सम्मान !


कौशल प्रतिभा ज्ञान का, दीप है तीसरा दान,

विद्या लक्ष्मी जान कर, मनुज ने बढ़ाया मान !


अन्न बिना जीवन नही,तो अर्पित लक्ष्मी धान्य,

चौथा दीपक कीजिये, अब अक्षत लक्ष्मी मान्य !


पंचम संतती जानिए, लक्ष्मी जी जग आधार,

रचना प्रतिभा अरु कला, करे दीपक साकार !


छठे दीप का दान हो, तो धैर्य लक्ष्मी है नाम,

साहस बल विक्रम जहाँ, करते अद्भुत काम !


दीप दान सप्तम सुनो, बस यह उन्नति के धाम,

मात लक्ष्मी हित करें ,विजयदीप हैं इनके नाम !


दीप दान का अंत में करो, भाग्यलक्ष्मी सुनाम,

सूरद सम्पदा समृद्धि, इसके बहुतेरे हुए नाम !


अष्टम रूप लक्ष्मी के लिए, दीप जलाएँ आज,

पूरे वर्ष निश्चिन्त रहें, हमारे राखे देवी लाज !


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