लड़की
लड़की
वो शाम सुहानी थी
एक लड़की अंजानी थी
पल भर में मुस्कुराती,
आँखें उसकी नुरानी थी
वो लम्हे पुराने थे
गए वो ज़माने थे
जब वक्त हुआ करता था
महफिल में एक रंग हुआ
करता था
ख़ुशियों का साया उसके
संग हुआ करता था
अब ना वक्त है ,ना वो शाम
कभी आएगी
दिल खोल के वो अपना,
ना कुछ बता पाएगी..