लड़के नहीं रोते
लड़के नहीं रोते
जब भी इन आँखों से
झर झर कर आँसू बहते है
क्यों लड़की जैसे रोते हो
लोग यही कहते हैं।
दिल पे पत्थर रखते हैं।
पर मन ये भीतर रोता है।
लोग कहे लड़को का तो
पत्थर का दिल होता है।
वो क्या जाने कितने
ग़म को इस दिल ने पाला है
अपने ग़म छुपा कर के
लड़कों ने घर भी सँभाला है।
जब तक जीवन चलता है
सूरज जब तक ढलता है
काम करे बस काम करे
एक पल भी न आराम करे।
लड़कों को भी इस जीवन में
कुछ न कुछ तो खलता है।
लब पे एक मुस्कान लिए,
वो कहते ये सब चलता है।
बस आँखों में हम आँसू की,
जगह ख़्वाब को है सँजोते।
क्योंकि लड़के नहीं रोते।