लड़ाई के बाद -2
लड़ाई के बाद -2
लड़ाई के बाद पड़े रहे जाते हैं शव
इधर उधर, छितराये हुए
लहुलुहान, अंग भंग के साथ
और घायल सैनिकों का आर्तनाद
विधवा औरतों का हृदय विदारक क्रंदन
बच्चों का अनवरत रूदन ।
चारों तरफ नजर आता है
तबाही का अंतहीन मंजर
षड्यंत्र, विश्वासघात, लालच
का पीठ में घोंपा हुआ खंजर
विजयी सेना के द्वारा लूट खसोट
एक समुदाय के लोगों के
कटे हुए नरमुंडों की ऊंची ऊंची मीनारें
भग्न हृदय, घर, दुकान और पूजा स्थल
लुटती अस्मत, पिटती किस्मत
धूल धूसरित सत्ता, नाम और इज्जत
दासियों और गुलमाओं से आबाद हरम
भगवान से भी बड़ा होने का एक भरम
बर्बाद व्यवस्था, अर्थव्यवस्था, आस्था
जिससे अब नहीं रहा कोई वास्ता
बेजुबान जनता की आंखों में भय
धर्म बदलने का दबाव
जबरन विवाह,
और अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद।

