Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Premdas vasu Surekha

Tragedy

4  

Premdas vasu Surekha

Tragedy

क्यों ना धूम मचाएगा

क्यों ना धूम मचाएगा

2 mins
274


हर डाली पर उल्लू बैठा क्यों ना धूम मचाएगा

बहुरूपिये के शासन में हिंदू-मुस्लिम खेला जाएगा

रोजगार की बात ना होगी जन का तेल निकाला जाएगा

चुनाव जब आयेंगे कोई धमाका करा के जाएगा

हर डाली पर उल्लू बैठा क्यों न धूम मचाएगा....


नहीं किसी को कोई मतलब अब खेला जाएगा

शासन कैसे पाएं बस इसी पे चर्चा होती जाएगा

खाल निकाली मानवता की भूकंप कब आएगा

फिर प्यारों सेना से ही हमला कराया जाएगा

हर डाली पर उल्लू बैठा क्यों ना धूम मचाएगा....


कब सुधरेगी ये जनता ये चक्र चलाया जाएगा

भूखे प्यासे लोगों को भी तल तल के मारा जाएगा

ये बहरुपिये का शासन है यहां तेल निकाला जाएगा

अपनी प्रसिद्धि के लिए पैसा पानी बहाया जाएगा 

हर डाली पर उल्लू बैठा क्यों ना धूम मचाएगा.....


कर्तव्यों की बात ना होगी सिंहासन पाया जाएगा

भोली भाली जनता को आपस में लड़ाया जाएगा

झूठ बोलकर सिंहासन पर फिर अधिकार जमाएगा

कतरे से भी कतरा निकला उसको भी पी जाएगा

हर डाली पर उल्लू बैठा क्यों ना धूम मचाएगा.....


झूठी यशोगाथा करनी अब इससे सीखा जाएगा

विश्व गुरु का सबसे निकम्मा बंदा ये ही कहलाएगा

भारत मां के चरणों का ये भागी ना बन पाएगा

अब जनता ये रो रो कहती ये देश से कब जाएगा

हर डाली पर उल्लू बैठा क्यों ना धूम मचाएगा.....


मानव है सब समान यह कब सिखाया जाएगा

भाई भाई का बना है दुश्मन सिंहासन हिल जायेगा

गड़े मुर्दे उखाड़ रहे हैं वैमनस्य फैलाया जाएगा

बना दो दुश्मन एक दूसरा यही सिखाया जाएगा

ये बहरूपिया का शासन है यहां तेल निकाला जाएगा

हर डाली पर उल्लू बैठा क्यों ना धूम मचाएगा.....


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy