मिट्टी की धरा पर ही, क्योंकि वह हमारी भूख नहीं मिटा पा रही। मिट्टी की धरा पर ही, क्योंकि वह हमारी भूख नहीं मिटा पा रही।
हर डाली पर उल्लू बैठा क्यों ना धूम मचाएगा बहुरूपिये के शासन में हिंदू-मुस्लिम खेला जाए हर डाली पर उल्लू बैठा क्यों ना धूम मचाएगा बहुरूपिये के शासन में हिंदू-मुस्लिम...