क्यों न कर लें प्यार
क्यों न कर लें प्यार
भंवरों ने गाना शुरू किया
ली फूलों ने भी अंगड़ाई,
कलियों में जागी सिहरन
देखो बसंत ऋतु है आई.
तरह तरह की सुगन्ध
लिए चलने लगी बयार,
उठने लगीं हर एक दिल
में प्यार भरी फुहार.
आओ सीखें कलियों से
कैसे रंग खिला है पीला,
और भंवरो से सीखेंगे
कैसे करनी प्रणय लीला.
खुशगवार इस मौसम को
क्यों न जीवन में भर लें,
जिंदगी अपनी खिल जाऐ
क्यों न प्यार हम कर लें।
