क्या वह गलत हैं क्या ?
क्या वह गलत हैं क्या ?
मां तुझेसे किया था जो वादा,
मैंने वो वादा तोड़ दिया।
संस्कारों की जिन बेड़ियों में,
बंध के आई थी में,
उनको आज तोड़ दिया।
कोशिश की थी बहुत मां,
तेरे लक्ष्य कदम पर चलने की।
साथ मिला ना किसी का मुझको यहां
सब ने जख्मी कर अकेला छोड़ दिया।
अब तुम ही बताओ ना मां
कैसे करूं तुम्हारे दिए संस्कारों का पालन
जब सबकी नजरों ने
मुझे पल-पल अपमानित कर
मेरे आत्मसम्मान को हरपल झंकझोड़ दिया।
बहु हूं कोई गुनाह तो नहीं,जब से मैंने ये ठान लिया।
तब से अपने आत्मसम्मान की करने लगी में परवाह।
और मिले जख्मों पर खुद ही महल्म लगाने लगी हूं
अब तुम्हें क्या बतलाऊं मां ,
मैं मुंहफट भी कहलाने लगी हूं
और जाने ऐसे कितने शब्दों से नबाजने लगी हूं।
जब से थोड़ा थोड़ा, खुद के लिए जीने लगी हूं।
अब तुम्ही बताओ ना मां,
जो तुमसे किया वादा टूट गया
क्या वह गलत है क्या ?
