दोमुंहे...
दोमुंहे...
ऐसे कैसे इस दुनिया में कुछ लोग
असलियत में होतेे तो कुछ हैं,
मगर दिखावटी ज़िन्दगी की
पूूूरी नुमाइश किया करते हैं...।
आप भी कभी-न-कभी
ऐसे दोमुंहे लोगों से
रुबरु हुआ करते हैैंं !
लेेेकिन क्या आप
पहली नज़र में उन्हें
पहचाननेे में
कामयाब हो पाते हैैंं ?
अक्सर आपका जवाब
"नहींं" ही होता है!
इसलिए आप अपनी
षष्ठ इंंद्रियों को
हमेशा सजग रखिए...
और उन दोमुंहे
लोगों को ढूँढ़ निकालिए,
नहीं तो आपकी खुुशहाल ज़िन्दगी में
ऐसे लोग 'कालरात्रि' बनकर
आपको संंशय एवं अशाांति का बोझ
ढोने मेेंं मजबूर करेेंंगे...!
ऐसे दोमुंहे लोगों से
तौबा कीजिए...
और अपने आसपास
सकारात्मक ऊर्जा का
पूर्ण संचार कीजिए...!
