मुक्तक
मुक्तक
वो कौन हैं जो भारत की हार पर जश्न मना रहे हैं
खुशी में पागल हो गये हैं और पटाखे छुड़ा रहे हैं
इनकी हरकतों से लगता है कि ये वफादर नहीं हैं
फिर ना कहना कि इन्हें गद्दार कह कर बुला रहे हैं
भाइयो, अब तो पहचानो इन जश्न मनाने वालों को
"तेरा मेरा रिश्ता क्या" का नारा खूब लगाने वालों को
इतने साल गुलामी झेल ली अब तो सुधर जाओ यारो
इतिहास भी माफ नहीं करता गफलत में सोनेवालों को
जिनके दिलों में घृणा भरी होती है जश्न वही मनाते हैं
ताज्जुब होता है भारत की हार पर ये कैसे मुस्काते हैं
इनकी वफादारी कहां पर है, सब लोग जानते हैं इसे
आओ दोस्तो इनको, इनकी असली जगह पहुंचाते हैं
