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Adil Ahmad

Drama

3  

Adil Ahmad

Drama

क्या मिला मुझे

क्या मिला मुझे

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क्या मिला मुझे साथ तेरे वक़्त गुज़ार कर

तू चला ही गया आखिर तन्हा छोड़ कर।


​हो गयी थी आदत मुझे तेरे साथ रह कर ​

फिर क्यूँ चला गया मुझे आदी बना कर।


देखा गया था जो ख़्वाब साथ मिल कर

​ताबीर बाक़ी है अभी,​ ख़्वाब अधूरा न कर।


क्या मिला तुझे मेरा हाथ ख़ाली कर कर

तेरा भी हाथ ख़ाली तो मेरे हक़ में दुआ कर।


मिलें हम अगर कभी किसी मोड़ पर

मुस्कुरा के चल देना बस नज़रे मिला कर।


क्या मिला मुझे साथ तेरे वक़्त गुज़ार कर

तू चला ही गया आखिर मुझे तन्हा छोड़ कर।


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