STORYMIRROR

Adil Ahmad

Romance

1  

Adil Ahmad

Romance

सलीक़ा ए मोहब्बत

सलीक़ा ए मोहब्बत

1 min
104

उन्हें मालूम था मोहब्बत का हर एक सलीक़ा

पहली थी मोहब्बत समझ नहीं आया यह सलीक़ा।


हर कुछ सीखने का तजुर्बा था आपको

हमें भी सिखाया, यह मोहब्बत का सलीक़ा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance