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Garima Kanskar

Tragedy

3  

Garima Kanskar

Tragedy

क्या करें औलाद है

क्या करें औलाद है

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बेटियाँ किसी को नहीं चाहिये

सभी को बहु चाहिए

बेटियों का कोई नहीं 

करता

इंतजार

सब बेटियों का करते

दुत्कार

और बहुओं का

करते हैं पलकें

बिछाकर 

इंतजार

आखिर क्यों किसी को

नहीं है बेटियों से प्यार

कोई नहीं करता उनका

इन्तजार

सब की मुँह माँगी दुआ नहीं

बिन माँगी मुराद है

जो एक बोझ से ज्यादा कुछ नहीं

पर क्या करें औलाद है!



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