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Shilpi Goel

Abstract Inspirational

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Shilpi Goel

Abstract Inspirational

कविता

कविता

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हाँ मैं एक कविता हूँ


बुनती हूँ एहसासों को

शब्दों में पिरोई जाती हूँ

हाँ मैं एक कविता हूँ


निकलती हूँ दिल से किसी के

किसी के दिल तक पहुँच जाती हूँ

हाँ मैं एक कविता हूँ


शान्त हूँ सागर सी कभी

कभी लहरों सी उद्दण्ड हो जाती हूँ

हाँ मैं एक कविता हूँ


दर्द छुपा है मुझमें ज़माने का

दवा का काम भी मैं कर जाती हूँ

हाँ मैं एक कविता हूँ


छोटी हूँ कभी, कभी हूँ बड़ी

हूँ बस एहसासों की एक लड़ी

हाँ मैं एक कविता हूँ


महसूस करके देखो मुझे

खुद से ही जुड़ा पाते हो

हाँ मैं एक कविता हूँ


लिखी भी जाती हूँ, पढ़ी भी जाती हूँ

गहराई में उतरो तो दिल में बस जाती हूँ

हाँ मैं एक कविता हूँ


इन्द्रधनुष के रंगों से सजी

सपनों की हंसी दुनिया में ले जाती हूँ

हाँ मैं एक कविता हूँ


हैं शामों के मंजर मुझमें,

रातों का जिक्र भी है

तुझसे नाराजगी है थोड़ी,

थोड़ी सी फिक्र भी है

हाँ मैं एक कविता हूँ



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