कविता******
कविता******
भावों को शब्दों में गढ़ने की कोशिश है कविता।
शब्दों को दिल में उतारने की कोशिश है कविता।।
दिल से निकली वाह है कविता।
दिल से निकली आह है कविता।
श्रृंगार रस से सराबोर होती कविता,
प्यार को पंक्तियों में ढालने की कोशिश है कविता।
भावों को शब्दों में गढ़ने की कोशिश है कविता।।
ना जाने कितने रस हैं इसमें,
वीर,करुण,रौद्र हास्य जिसमें।
सभी रसों में सनी है कविता,
इन रसों में डुबकी लगाने की कोशिश है कविता।
भावों को शब्दों में गढ़ने की कोशिश है कविता।।