कविता मेरी विवशता है
कविता मेरी विवशता है
कविता मेरा शौक नहीं,
कविता मेरी विवशता है।
जीवन के दिये जो अवसर त्यागे,
उनका खेद खटकता है।
कविता मेरी विवशता है।
जीवन पथ तो चलता जाये,
तरह तरह के मोड़ भी आये।
कुछ राहें तो स्वयं चुनी थीं,
कुछ रस्ते किस्मत से पाये।
राहें जो यूँ ही छूट गयीं,
उनका प्रतिबिम्ब झलकता है।
कविता मेरी विवशता है।
जीवन हमको सबक सिखाये,
नित नूतन एक पाठ पढ़ाये।
कुछ सीखों को मान गये हम,
कुछ सीखों को जान ना पाये।
जिन सीखों को भूल गये अब,
उनका परिणाम पनपता है।
कविता मेरी विवशता है।
जीवन ने कई लोग मिलाये,
कुछ अपने कुछ हुये पराये।
कुछ लोगों ने हमें संभाला,
कुछ ने बस रोड़े अटकाये।
व्यक्ति जो यूँ ही चले गये,
उनका अभाव अब खलता है।
कविता मेरी विवशता है।
जीवन ने कई गीत सुनाये,
कुछ भावुक कुछ जोश जगाये।
कुछ को तो बस सुना था हमने,
कुछ गीत हमने भी गाये।
गीत जो हमने सुने नहीं,
उनका संगीत ही बजता है।
कविता मेरी विवशता है।
जीवन सुख दुःख दोनों लाये,
कभी हँसाये कभी रुलाये।
कभी हर्ष से नृत्य किया तो,
कभी दर्द से आँसू आये।
क्रंदन जो अंदर रोक लिया,
उसका सैलाब उमड़ता है।
कविता मेरी विवशता है।
जीवन ने कई प्रश्न दिखाये,
कुछ सुगम कुछ दुष्कर पाये।
कुछ प्रश्नों में सिफर मिला तो,
कुछ में अव्वल नंबर आये।
प्रश्न जो यूँ ही छोड़ दिये,
उनका जवाब अब दिखता है।
कविता मेरी विवशता है।
जीवन ने बहुत मंच सजाये,
हमको भी कई पात्र सुझाये।
कुछ नाटकों के नायक हम थे,
कुछ में छोटा रोल निभाये।
भूमिकायें जो हमने की ही नहीं,
अब उनका अक्स उभरता है।
कविता मेरी विवशता है।
जीवन आगे बढ़ता जाये,
नये नये सम्बन्ध दिखाये।
कुछ रिश्ते तो पहले से थे,
कुछ नाते थे स्वयं बनाये।
रिश्ते जो यूँ ही टूट गये।
अब उनका दर्द कसकता है,
कविता मेरी विवशता है।
काफी कुछ किसी कारण से,
कभी मैं कह ना पाया।
और हृदय की गागर में वो,
भरता सब कुछ आया।
भरने के पश्चात घट वही,
छलक छलक छलकता है।
कविता मेरी विवशता है।
कविता मेरा शौक नहीं,
कविता मेरी विवशता है।