कवायद💯💯💯💯
कवायद💯💯💯💯
कुछ ना कुछ तो
रह जाता है
सब कुछ मिल
जाने के बाद
कुछ तो कवायद
जीते जी है
कुछ तो है
जीने के बाद
सुर-सम सुधा
क्षुधा-सम जल
बूंद-बूंद रह
जाता है
मन आसिक्त
सिक्त होता है
बरस में इक
तर्पण के बाद
साहस दिखे
भीरू मन कांपे
यह सिक्के के
दो पहलू हैं
मुकुर शब्द
संवाद पढ़ें
कोई रूपक
गढ़ जाने
के बाद
मैं भी तुम सा
हो सकता था
तुम भी मुझसे
हो जाते
फर्क कहां फिर
रह जाता है
मेरे मुस्काने
के बाद ......
कुछ तो कवायद.....