कुण्डलिया : सत्य अहिंसा
कुण्डलिया : सत्य अहिंसा
हिंसा नफरत छोड़कर, सबसे करना प्यार।
सत्य अहिंसा से सदा, फलता यह संसार।
फलता यह संसार, मुहब्बत मन में लाओ।
मानव मानव एक, भाव ये सब अपनाओ।
कहे भारती आज, भूल मत करना इंसा।
जलाओ प्रेम दीप, त्यागकर मन से हिंसा।
