कुंडलिया
कुंडलिया


लोहे पे चाहे जंग लगे
अपने मन पर न लगे
सोना चाहे मलीन हो मन सदा क्लीन हो
हार हो या जीत हो सत्य ही मनमीत हो
कोई कुछ भी कहे आप मन की करे
अच्छे मन को जाने बुरे मन को मारे
मन को बनाये पाक चाहे लोग काटे नाक
जिसका अच्छा काम वो बिकेगा आम
जो रहेगा ईमानदार वो बनेगा थानेदार
वो पिटेगा सरेआम जो करेगा बुरा काम
शूल भी लगेंगे फूल संघर्ष न जाना भूल