कुछ यादें
कुछ यादें


नदियों से झाँकते
गगन की गहराई में
चूमती बादलों को
शिखर की छाया
और घने पेड़ों के मध्य
फड़फड़ाती कुछ यादें
झरनों का मधुर गीत संगीत
हवाओं पर बिखरी गेंदे के
फूलों की सुनहरी खुशबू
दूर कहीं मंदिरों
झुकी घंटियों की गूँज
बाँसुरी की धुन में
लिपट कर चोटियों से
तन को सुहाती मीठी धूप
पानी में गोते लगाती
कुछ मचलती किरणें
हौले हौले धीरे धीरे
ज़िन्दगी की चलती नौका
रात की चमक में
लहरों की आवाजाही
किनारों से टकराकर लौटती
ध्वनि मधुर सी।