हवाओं पर बिखरी गेंदे के फूलों की सुनहरी खुशबू हवाओं पर बिखरी गेंदे के फूलों की सुनहरी खुशबू
तुम ख़्वाब बनकर मेरी आँखों में ठहर जाओ मैं उस लम्हे को पूजा समझूँ, तुम ख़्वाब बनकर मेरी आँखों में ठहर जाओ मैं उस लम्हे को पूजा समझूँ,
बह जाते हैं अकसर कई सवाल आँखों से उसके। वो बारिश, सबको नज़र आती है बह जाते हैं अकसर कई सवाल आँखों से उसके। वो बारिश, सबको नज़र आती है
"इस आवाजाही में आ जाते हैं अपने आप कुछ रंग कुछ राग कविता मैं कहाँ रचता हूँ !" "इस आवाजाही में आ जाते हैं अपने आप कुछ रंग कुछ राग कविता मैं कहाँ रचता हूँ !...