"कुछ नहीं"
"कुछ नहीं"
मैंने लिखा तुझे कुछ भी नहीं,
तूने पढ़ा उसे कुछ भी नहीं।
मैंने कहा था बस ख़ामोशी,
तूने सुना उसे कुछ भी नहीं।
मैंने पूछा ये क्या था कहा,
तूने जवाब दिया कुछ भी नहीं।
कहा था मैंने कुछ भी नहीं,
फिर तूने सुना क्यों कुछ भी नहीं?
जो कहा ही नहीं, वो सुना क्यों गया,
तूने कैसे माना, मैं बोला कुछ नहीं।
