" कुछ कहतीं हैं यें ऑंखें "
" कुछ कहतीं हैं यें ऑंखें "
जन्म लेते ही मनुष्य की
पहलें खुलती हैं ऑंखें
ईश्वर का बेहद खूबसूरत
उपहार है हमारीं ऑंखें
कभी दिखाती सुख दुःख
कभी दिखाती धूप छांव
ना जानें जीवन के
कितनें पहलुओं को
दर्शाती है ये ऑंखें
किसी के सज़दे में उठी
तो दुआ बन जाती है ऑंखें
और खुबसूरत अदा बन जाती
जब झुकती है ऑंखें
न जानें कितनी
कशिश भरी होती है
झुक कर उठी तो
हया बन जाती है ऑंखें
कुछ तो सुरूर भरी होती
तभी तो अपना
अक्स दिखाती है ऑंखें
जिंदगी में जीने की तमन्ना
जगाती है मासूम सी ऑंखें
कभी-कभी अंदर ही अंदर
तबाही मचाता है मन
पर ऑंसू नहीं बहा पाती हैं ऑंखें
और कभी-कभी
बिन कुछ बोले बिन कुछ कहे
सबकुछ बहा ले जाती है ऑंखें
बंद पलकों में कुछ नहीं होता
लेकिन बहुत कुछ है बोल देती
जब खुल जाती है ऑंखें
जुबान से हम कुछ ना कह पातें
दिल की कहानी सुना जाती है ऑंखें
कोई जादू ही तो है
जो मरने वालों को भी
जीना सिखा देती है ऑंखें
जाम से भी ज्यादा
नशा चढ़ाती है ऑंखें
पानी में तैरना सीख लेते हैं लोग
पर नहीं तैर पातें
जब डुबो लेती हैं ऑंखें
दुनिया की खूबसूरती
दिखाती है ऑंखें
जिंदगी में उजाला
लाती है ऑंखें
कभी रोई सी
डबडबा जाती है ऑंखें
बिना बदरी के
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nbsp;बरस जाती है ऑंखें
होंठ खुलना चाहें
पर कुछ कह ना सके
अपनों को दूर जाता देख
भरभरा जाती है ऑंखें
मिलन की आस में
तड़पता है दिल
न जाने कितनें बिरह के गीत
सुनाती है ऑंखें
इंतजार करते-करते
पथरा जाती है ऑंखें
अपनों के कष्ट देखकर
तड़पती हैं ऑंखें
आवेगों को तोड़कर
बह जाती हैं ऑंखें
नजर अंदाज करें कितना भी
पर नजरें उसी पर है जाती
न जाने क्या कशिश होती
की मदहोश कर जाती है ऑंखें
सागर से भी गहरी
न जाने कितने राज
छुपातीं हैं ऑंखें
कोई जवाब दे नहीं पाता
जब एक सवाल करती है ऑंखें
मन मयुरा उड़़-उड़ जाता
और भौंरा है नाचता
जब कलियां खिलाती हैं ऑंखें
कितनी ही खूबसूरत तस्वीर
दिखाती हैं ऑंखें
मयखाने चाहे हो बंद
पर नजरों से जाम
पिलाती है ऑंखें
बहुत से ख्वाब पूरे हो या ना हो
पर इनकों सवार लेती है ऑंखें
कई लोग होते इस दुनिया में
जिनकें लिए खटकती है ऑंखें
अब हकीकत चाहे जो भी हो
पर सच्चाई हमेशा दिखाती है ऑंखें
चाहे हम ना हों मिलें किसी से
पर प्यार से अपना
बना लेती है ऑंखें
सामने ना हो तों
तरसती हैं आँखें,
याद में सबकीं
बरसती हैं आँखें
किसी डिग्री की जरूरत ही कहाॅं
सब कुछ तो पढ़ लेती है ऑंखें
खुशी से हमेशा
छलछला जाती हैं ऑंखें!