दोस्त जब छेड़े मुझको, पल में चूहा बना दूँ उनको। दादा-दादी रूठें तो, छड़ी घूमा मना दूँ उन... दोस्त जब छेड़े मुझको, पल में चूहा बना दूँ उनको। दादा-दादी रूठें तो, ...
भूले संस्कार, स्वार्थ की बयार में। भीगे नयना, बसंत बहार में भूले संस्कार, स्वार्थ की बयार में। भीगे नयना, बसंत बहार में
लूटाभिषेक से लूट के तिलक-चन्दन में लूट की टोपी और लूट के ही बंधन में! लूटाभिषेक से लूट के तिलक-चन्दन में लूट की टोपी और लूट के ही बंधन में!
ईश्वर का बेहद खूबसूरत उपहार है हमारीं ऑंखें! ईश्वर का बेहद खूबसूरत उपहार है हमारीं ऑंखें!
अपनी विद्या और ज्ञान का करते सदुपयोग हैं नहीं आवेश में आकर इसका करते दुरुपयोग हैं, अपनी विद्या और ज्ञान का करते सदुपयोग हैं नहीं आवेश में आकर इसका करते दुरुपयोग...
खड़े होकर तो देखो मुक्ति तुम्हारे द्वार पर खड़ी है। खड़े होकर तो देखो मुक्ति तुम्हारे द्वार पर खड़ी है।