कुछ भी तो नहीं बदला
कुछ भी तो नहीं बदला
सब कुछ पहले जैसा ही है,
कुछ भी तो नहीं बदला,
बस आँखें थोड़ी नम सी हैं,
आज भी ये दरवाजे पे
टकटकी लगाए बैठीं हैं
तेरी हिज़्र में कुछ भी तो नहीं बदला,
बस दिल के दर्द अब नासूर हो गयें हैं,
किसने कहा कि हम उदास हैं,
मुझे तो आज भी तेरे वस्ल की आस है,
कुछ भी तो नहीं बदला...
सब कुछ पहले जैसा ही तो है।