आज़ादी
आज़ादी
आज़ादी ! आज़ादी ! आज़ादी !
क्या है ये आज़ादी ?
दूसरों की गुलामी से
मुक्त होना, है आज़ादी।
जिसके लिए हमारे
भारत मां के सपूतों ने
गंवाई जान वो है आज़ादी।
देश को दुश्मनों से
छुड़ा कर लाई
हमारी आज़ादी।
अगर तुम न होते
ओ वीर सपूतों
तो कैसे पाते ?
हम अपनी आज़ादी।
गांधी, सुभाष और जवाहर
ने सिखाया लड़ना हमें
सत्य, अहिंसा की राह
पर सिखाया चलना हमें।
न सिर काटे, न ख़ून बहे
फिर भी मिले, हमें आज़ादी।
स्वच्छंद हवा,लहरती फसलें
जब रहें इस देश।
ख़ुश रहेंगे हम,
औ आनंदित होगी आज़ादी।