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Rashmi Mishra

Others

4.6  

Rashmi Mishra

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बगिया

बगिया

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घर घर जाकर हमने देखा इक छोटी सी बगिया

तरह तरह के फूल खिले थे और सजी थी बगिया

लाल गुलाबी नीले पीले रंग रंगीले बड़े और छोटे

हर क्यारी सजी हुई थी मनमोहक थी बगिया।

तितलियां उड़तीं डाली डाली इठलाती इतराती

भौंरे भी गुन गुन करते जब आ जाती उनकी बारी

खुशबू से सराबोर हो गई हर कोने में बगिया

आंखों पर छवि छोड़ रही थी सुन्दर प्यारी बगिया।



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