कृष्ण भजन
कृष्ण भजन
छटा अद्भुत निराली है, मेरे माधव मुरारी की ।
करूँ तारीफ मुरली की या मुरलीधर बिहारी की ।
तेरी सूरत हे मनमोहन, हमारे मन को भाती है ।
जो एक पल दूर हो छवि तो बहुत मन की रुलाती है ।।
कोई तो खबर ला कर दो,
मेरे मनहर मुरारी की ।
करुं तारीफ मुरली .........
चुराया तुमने माखन नाम माखनचोर कर डाला ।
चुरा के मन हमारा भी हमें कमजोर कर डाला ॥
रहा मन ही नहीं अपना अरज सुन लो भिखारी की ।
करूं तारीफ मुरली.........
तुम्हारा कुंजवन में गोपियों संग नाचना गाना ।
तेरा यमुना में जाकर के ,कालिया नाग को लाना ॥
वो तेरा गोपियों का चीर हरना , जय मुरारी की ,
करूं तारीफ मुरली की या वंशीधर विहारी की ।
छटा अद्भुत निराली है मेरे माधव मुरारी की ।।
