परिचय
परिचय
वो परवाना हूँ मैं जो एक हसरत साथ रखता हू ।
जलाती है मुझे वो खास सूरत, पास रखता हूँ ।।
जिन्हें जलने की आदत हो गई, और डूब मरने की ।
मैं वो पागल हूँ जो यह खास फितरत पास रखता हूँ ।।
जलाकर आशिया अपना , किसी को रोशनी देते ।
स्वयं की मौत जो देखे, वो ताकत पास रखता हूँ ।।
हुआ बदनाम जिनके वास्ते , संसार सागर में ।
मैं ऐसी लहर हूँ सारा समंदर साथ रखता हूँ ।।
