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Rajendra Rajjan saral

Abstract

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Rajendra Rajjan saral

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परिचय

परिचय

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वो परवाना हूँ मैं जो एक हसरत साथ रखता हू ।

जलाती है मुझे वो खास सूरत, पास रखता हूँ ।।


जिन्हें जलने की आदत हो गई, और डूब मरने की ।

मैं वो पागल हूँ जो यह खास फितरत पास रखता हूँ ।।


जलाकर आशिया अपना , किसी को रोशनी देते ।

स्वयं की मौत जो देखे, वो ताकत पास रखता हूँ ।।


हुआ बदनाम जिनके वास्ते , संसार सागर में ।

मैं ऐसी लहर हूँ सारा समंदर साथ रखता हूँ ।।



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