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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

कोरोना से लड़ाई

कोरोना से लड़ाई

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उम्मीद का दामन छोड़ सकते नहीं जिंदगी तुझसे

तैरना हम छोड़ सकते नहीं डरकर लहर तुझसे,

कितना हमको डरायेगा तू ओ रे कोरोना वायरस

सांस लेना हम छोड़ सकते नहीं डरकर तुझसे,

धोएंगे हाथ हम बार-बार सेनेटाइजर से

रखेंगे व करेंगे साफ-सफाई प्रत्येक घर से,

14 दिन पहले ही कोरोना को हम हराएंगे

भीड़भाड़ छोड़ेंगे,रहेंगे मास्क में

घर-घर से,खांसी,बुखार,सांस लेने में तकलीफ़ होने पर

रहेंगे हम अकेले,पूरा ईलाज़ लेंगे डॉक्टर से,

एक दिन का जन-कर्फ्यू हम सब मिलकर लगाएंगे

प्रत्येक घर से डॉक्टर,नर्स के लिये ताली हम बजाएंगे,

ये कोरोना तो कुछ समय बाद खत्म हो ही जायेगा,

पर अब से दोस्तों हम केवल शाकाहार ही अपनाएंगे,

आज से हम सब धरती वासी एक सौगन्ध खाएंगे

अब हम नहीं करेंगे प्रकृति कभी छेड़छाड़ तुझसे।



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