PRAVEEN KUMAR BASHAK

Tragedy

4.3  

PRAVEEN KUMAR BASHAK

Tragedy

कोरोना महामारी

कोरोना महामारी

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महामारी के इस काल में,

क्या-क्या नहीं है झेला ।

बाकी सब देशों से अलग है ,

भारत देश अलवेला ।।

भर रही है बीमारियां हुंकार,

बदल रही है इसकी प्रकार।

अब तो रोको काला बाजार ,

उठो जागो भारत सरकार।।

रोज ऑक्सीजन की मारामारी,

दूसरी तरफ बढ़ती यह बीमारी।

कैसे करूं ईश्वर पूजा तुम्हारी,

क्योंकि हर मानव की जिम्मेवारी।।

पैसो के चक्कर में हम यह भूल गए ,

घर के आंगन में झूल गए हैं ।

विपदा जब इस कदर आई है ,

 मानव में मानवता दिखाई है।।

            


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