कोरोना काल
कोरोना काल
कैसा आ गया यह वर्तमान,
मुंह में जरुरी हो गया है मास्क।
न किसी से मिलाना है हाथ,
केवल नमस्ते से चलाना है काम,
दो गज की दूरी अपनानी है हर पल
तभी संभव हो पायेगा भविष्य का कल,
सभी स्कूलों कालेजों में हो गया था अवकाश,
केवल खुलें रहे हर पल अस्पताल,
कैसा आ गया यह वर्तमान,
मुंह में जरुरी हो गया है मास्क।
डॉक्टर, नर्स, की रही बड़ी सहभागिता,
तब जाके मिल पाई कोरोना से बड़ सफलता,
भारत मां के लिए दी कई कमिर्यों ने देश के खातिर जान,
तभी आज हमारे देश की ऊंची है शान।
