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Praveen Gola

Romance

3  

Praveen Gola

Romance

कोई वजह नहीं

कोई वजह नहीं

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तुम्हारी याद आने की ,कोई वजह नहीं ,

बस दिल ने की शरारत ,और मिली सजा यही।

यूँ तो अक्सर अकेले में ,मुस्कान दिखती तेरे साथ की ,

पर छुप जाती है वो भी ,जब चलती हवा कहीं।

कैसे बतायें दुनिया को ,कि अपना भी है कोई किस्सा ,

वो समझेगी हमे गलत ,जो नहीं होगा सही।

दिल बर्बाद सा ये रोज ,करता तेरी मुरीद ,

कभी तन्हाईयों का करे इंतजार ,कभी सपनो में ही सही।

इश्क आज भी अपना ,मरा नहीं देखो ,

ये जलता है अक्सर रात में ,जब चिंगारी भड़के यहीं।



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