कोई बता सके
कोई बता सके
कहाँ से था दुनिया का सफर ये
कहाँ ले के जायेगा
कोई बता पाये तो
हमें मिलने आईयेगा
मुश्किल सा सफर हे
आसान बनाने की कि चाह है
थोड़ा सा ठहराव है
पर ना मिल पाये
मुकम्मल तो सब हो जाये
पर चाहत ना अधूरी रह जाये
कहाँ से होता हे गुमनाम सफर शुरू
कोई इसका अंत बता पाये
बहुत सी कली थी
जिसे फूल बनने की आस थी
उसे न पता कि
फूल बनने से पहले ही मुरझा जाएगी
फल पेड़ से मुस्कुराये
पर नीचे से कोई उसको गिराये
अगर कोई बात सका किसका अंत
कहाँ हो जाये
तो बड़ी बात हो जाये !!!